Supreme Court Latest Update: ‘वनशक्ति’ फैसला वापस, पर्यावरण मंजूरी केस में फिर सुनवाई

 Supreme Court Latest News: सुप्रीम कोर्ट ने ‘वनशक्ति’ फैसला वापस लिया, पर्यावरण मंजूरी मामलों में बड़े बदलाव के संकेत

Supreme Court Latest News – Vanashakti Judgment Recalled in Environmental Clearance Case


सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंजूरी से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में बड़ा कदम उठाते हुए अपना ही दिया गया पूर्व फैसला वापस ले लिया है। यह फैसला Vanashakti vs Union of India केस से जुड़ा था, जिसे कोर्ट ने 18 नवंबर 2025 को दो-के-बहुमत से Recall (वापस) कर दिया।

पहले, 16 मई 2025 को आए निर्णय में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को “पोस्ट-फैक्टो पर्यावरण मंजूरी” यानी किसी प्रोजेक्ट को बिना पहले मंजूरी लिए शुरू कर देने पर बाद में मंजूरी देने की अनुमति नहीं दी थी। इस फैसले का बड़ा प्रभाव उद्योगों, इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं और राज्यों के प्रशासन पर पड़ रहा था।

लेकिन अब, अदालत ने उस पहले के फैसले को वापस लेते हुए नए सिरे से विचार करने की जरूरत बताई है।


 सुप्रीम कोर्ट ने फैसला क्यों वापस लिया?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले के निर्णय में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर अधिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता है
इसके अलावा:

  • पर्यावरण मंजूरी से जुड़े नियम बेहद तकनीकी और जटिल हैं
  • कई प्रोजेक्ट्स पर अचानक रोक लगाने से विकास परियोजनाओं में बाधा आती है
  • सरकार व कई राज्यों ने पुनर्विचार की याचिकाएँ दाखिल की थीं
  • प्रोजेक्ट्स को “पूरी तरह से स्थगित” करने से आर्थिक प्रभाव पड़ सकता है

हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पर्यावरण की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहनी चाहिए और नए विचार के दौरान सभी पहलू संतुलित रूप से देखे जाएंगे।


⚠️ एक जज ने असहमति जताई

फैसले में तीन-जजों की पीठ थी, जिसमें:

  • दो जजों ने फैसला वापस लेने के पक्ष में वोट दिया
  • एक जज – जस्टिस उज्जल भूयन – ने असहमति दर्ज की

उनका कहना था कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहले दिया गया फैसला ज़्यादा उपयुक्त था और उसे वापस नहीं लिया जाना चाहिए था।


🔍 इस फैसले का क्या अर्थ है?

यह फैसला अभी किसी नई नीति को लागू नहीं करता, बल्कि:

  • पुराने निर्णय को केवल Recall किया गया है
  • अब इस मामले की फिर से सुनवाई होगी
  • केंद्र और राज्यों को अपने तर्क पेश करने का अवसर मिलेगा
  • पर्यावरण मंजूरी (Environmental Clearance) से जुड़े नियमों की व्याख्या दोबारा की जाएगी

इसलिए, फिलहाल यह केवल न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा है, कोई नई पॉलिसी नहीं है।


🌿 पर्यावरण मंजूरी क्या होती है? 

किसी भी बड़े प्रोजेक्ट — जैसे हाईवे, फैक्ट्री, खदान, बिजली संयंत्र — को शुरू करने से पहले सरकार से पर्यावरण मंजूरी लेनी होती है।
इसका उद्देश्य:

  • पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे
  • प्रदूषण कम रहे
  • जंगल और जलस्रोत सुरक्षित रहें

पहले के फैसले में कहा गया था कि यदि कोई प्रोजेक्ट बिना मंजूरी के चालू हो जाता है, तो उसे बाद में मंजूरी नहीं दी जा सकती।
अब जारी प्रक्रिया में इस नियम पर दोबारा विचार होगा।

📝 निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘वनशक्ति’ निर्णय वापस लिए जाने से पर्यावरण मंजूरी से जुड़े मामलों में आगे बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह फैसला उद्योगों, परियोजनाओं और पर्यावरण नीति — तीनों पर प्रभाव डाल सकता है। आने वाले समय में कोर्ट की अगली सुनवाई से इस विषय पर और स्पष्टता मिलेगी।

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