Ethiopia Volcano Eruption: 12,000 साल बाद ज्वालामुखी फटा, राख के बादल भारत तक पहुँचे; उड़ानें रद्द
इथियोपिया में 12,000 साल बाद ज्वालामुखी विस्फोट, राख भारत तक पहुँची—कई फ्लाइटें रद्द
इथियोपिया के अफार (Afar) क्षेत्र में स्थित Hayli Gubbi ज्वालामुखी लगभग 12,000 वर्षों की निष्क्रियता के बाद अचानक फट पड़ा है। सोमवार देर रात हुए इस शक्तिशाली विस्फोट से आसमान में सैकड़ों किलोमीटर तक फैला राख का विशाल बादल उठा, जिसने अफ्रीका से लेकर एशिया तक हवाई मार्गों पर गंभीर असर डाला है।
राख का बादल अरब सागर पार कर भारत की ओर बढ़ा
ज्वालामुखी से उठी राख की परत हवा के दबाव और दिशा बदलने के कारण यमन, ओमान और अरब सागर से गुज़रते हुए भारत के पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों की ओर बढ़ी।
हालाँकि, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने साफ किया है कि यह राख मुख्य रूप से ऊँची हवाओं (upper atmosphere) में है और फिलहाल जमीन पर मौजूद वायु गुणवत्ता (AQI) पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ेगा।
✈️ भारत में हवाई उड़ानों पर बड़ा असर—Air India और Akasa की कई फ्लाइट रद्द
ज्वालामुखीय राख विमान के इंजनों और विंडशील्ड के लिए गंभीर खतरा बनती है। इसी वजह से भारत आने-जाने वाली कई उड़ानों पर तत्काल प्रभाव पड़ा है।
- Air India और Akasa Air ने ईथियोपिया, अफ्रीका और मध्य-पूर्व मार्ग वाली कई उड़ानों को रद्द या रूट बदलने का निर्णय लिया है।
- DGCA ने एयरलाइनों को अपनी फ्लाइट प्लानिंग, altitude, और सुरक्षा प्रोटोकॉल पुनः जांचने के निर्देश जारी किए हैं।
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी उड़ान की ताज़ा स्थिति एयरलाइन से जांच लें।
🌍 इतिहास में पहली बार… इतनी बड़ी सक्रियता
विशेषज्ञों के अनुसार, Hayli Gubbi ज्वालामुखी का इतना बड़ा विस्फोट पिछले 12,000 वर्षों में पहली बार रिकॉर्ड किया गया है।
वैज्ञानिक इसे “rare volcanic awakening” मान रहे हैं और लगातार इसके आगे के चरणों पर नज़र रखे हुए हैं।
🛰️ उपग्रहों ने पकड़ी 10–12 किमी तक उठी राख की परत
ग्लोबल मौसम एजेंसियों और सैटेलाइट डाटा के अनुसार, ज्वालामुखीय राख 10 से 12 किलोमीटर ऊँचाई तक उठ चुकी है, जो लंबे समय तक ऊपरी वायुमंडल में तैर सकती है।
इससे आने वाले दिनों में:
- अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के रूट बदल सकते हैं
- कुछ क्षेत्रों में हल्की धुंध (haze) देखी जा सकती है
- मौसम पैटर्न पर अस्थायी असर पड़ सकता है
⚠️ भारत के लिए क्या खतरा है?
IMD और DGCA के अनुसार:
- जमीन पर हवा की गुणवत्ता पर तत्काल कोई बड़ा खतरा नहीं
- फ्लाइट ऑपरेशंस पर पड़ सकता है अस्थायी असर
- हवा की दिशा बदलने पर और अलर्ट जारी हो सकते हैं
फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन एजेंसियाँ लगातार मॉनिटर कर रही हैं।
📌 निष्कर्ष
इथियोपिया का यह ज्वालामुखी विस्फोट न सिर्फ अफ्रीका बल्कि एशिया तक प्रभाव डाल रहा है।
फ्लाइट सेवाओं में रुकावट, वायुमंडल में राख की मौजूदगी और वैश्विक मौसम प्रणालियों पर संभावित प्रभाव को देखते हुए अगले कुछ दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे।
