सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला पत्नी को 1 करोड़ अलिमनी, 14 साल बाद तलाक
Hansi Times | Legal News
14 साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला: दंपति को तलाक, पत्नी को 1 करोड़ रुपये अलिमनी — जानें पूरा मामला
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने एक लंबे समय से चल रहे वैवाहिक विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने लगभग 14 साल की कानूनी लड़ाई के बाद एक दंपति को तलाक दे दिया और पति को आदेश दिया कि वह पत्नी को ₹1 करोड़ रुपये स्थायी भरण-पोषण (Permanent Alimony) के रूप में दे।
यह फैसला इस बात का उदाहरण है कि जब शादी पूरी तरह टूट चुकी हो और दोनों के बीच कोई समाधान न बचा हो, तो सुप्रीम कोर्ट अपने विशेष अधिकारों का उपयोग करके मामला खत्म कर सकती है।
⭐ केस नंबर क्या है?
-
Case Name: Rekha Minocha vs Amit Shah Minocha
-
Case No.: Criminal Appeal No. 1595 of 2025
-
Order Date: 29 October 2025
-
Bench: Justice Vikram Nath और Justice Sandeep Mehta
⭐ PDF आदेश यहाँ से डाउनलोड करें
👉 सुप्रीम कोर्ट आदेश PDF (LawBeat Source):
https://lawbeat.in/pdf_upload/rekha-minocha-vs-amit-shah-minocha-ors-2088754.pdf
⭐ फैसले की आसान भाषा में मुख्य बातें (PDF के अनुसार)
📄 पेज 1 — केस की मूल जानकारी
-
केस का नाम, केस नंबर और आदेश की तारीख दी गई है।
-
अदालत ने इस अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार किया।
“सुप्रीम कोर्ट ने 29 अक्टूबर 2025 को Criminal Appeal No. 1595/2025 मामले में अपना आदेश सुनाया।”
📄 पेज 3 — 15 साल से अलग रह रहे थे पति-पत्नी
-
कोर्ट ने कहा कि दंपति 15 साल से अलग रह रहे हैं।
-
शादी में सुधार की कोई संभावना नहीं बची।
-
रिश्ता पूरी तरह टूट चुका है।
“कोर्ट ने साफ कहा कि दोनों एक-दूसरे से 15 साल से अलग हैं और अब रिश्ते में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है।”
📄 पेज 4 — सुप्रीम कोर्ट ने Article 142 का इस्तेमाल किया
-
न्यायालय ने संविधान के Article 142 का उपयोग करते हुए marriage dissolve की।
-
अदालत ने इसे “Complete Justice” का मामला बताया।
“Article 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने सीधे तलाक मंजूर किया।”
📄 पेज 5 — पत्नी को 1 करोड़ रुपये अलिमनी
-
पति को ₹1,00,00,000 (एक करोड़ रुपये) पत्नी को देने का आदेश।
-
भुगतान 3 महीनों के भीतर करना होगा।
-
यह राशि सभी पुराने विवादों और दावों को खत्म करने के लिए है।
“पत्नी को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए कोर्ट ने 1 करोड़ रुपये की स्थायी अलिमनी तय की।”
📄 पेज 6 — सभी केस बंद
-
पत्नी द्वारा पति पर किए गए सभी फौजदारी और दीवानी मामलों को बंद (quash) करने का आदेश।
-
यह आदेश अलिमनी भुगतान पूरा होने पर लागू होगा।
“अलिमनी के भुगतान के बाद पति-पत्नी के बीच चल रहे सभी केस बंद माने जाएंगे।”
⭐ यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
✔ लंबे समय से चले वैवाहिक विवाद का अंत
✔ न्यायालय ने वास्तविकता को देखते हुए निर्णय लिया
✔ ‘Irretrievable Breakdown of Marriage’ को आधार माना
✔ Article 142 से सीधे तलाक दिया
✔ पत्नी की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की
⭐ आम लोगों के लिए क्या सीख है?
-
अगर शादी पूरी तरह टूट चुकी हो और लंबा समय बीत चुका हो, तो सुप्रीम कोर्ट समाधान कर सकती है।
-
लंबे मुकदमों से मानसिक और आर्थिक नुकसान होता है — अदालत ऐसे मामलों में “Complete Justice” देती है।
-
अलिमनी की राशि कोर्ट परिस्थितियों के अनुसार तय करती है।
⭐ FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
1. क्या हर केस में 1 करोड़ अलिमनी मिलेगी?
नहीं। हर केस अलग होता है। कोर्ट आय और परिस्थितियों के आधार पर राशि तय करती है।
2. क्या सुप्रीम कोर्ट बिना सहमति के तलाक दे सकती है?
✔ हाँ, Article 142 के तहत।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन मामलों में एक मिसाल है जहाँ शादी पूरी तरह टूट चुकी हो और सालों से समाधान न निकल रहा हो।
कोर्ट ने न सिर्फ तलाक दिया, बल्कि पत्नी की आर्थिक सुरक्षा और सभी कानूनी विवादों को खत्म करने का फैसला भी सुनाया।
👉 अगर आप सुप्रीम कोर्ट के पूरे आदेश को पढ़ना चाहते हैं, तो ऊपर दिया गया PDF लिंक आपकी मदद करेगा।